05/06/2024
कामवासना में पुरुष अक्सर कमजोर ही होते हैं क्योंकि वो अधीर होते हैं, वो सब कुछ एक ही बार में ले लेना चाहते हैं ।
जबकि पुरुष स्वभाव के विपरीत स्त्री धैर्यवान होती है, वो हर आलिंगन का सीख धीरे- धीरे लेकर सिसकना चाहती है।
स्त्री का प्रेम सागर की तरह धीर होता है और वह
पुरुष के उद्याम वेग को अपने मे समाहित कर लेती है ।
जब तक स्त्री कामवासना के लिए तैयार होती है, तब तक पुरुष सारा पानी उलट चुके होते हैं...
(plz do slowly slowly)