29/11/2022
वो जो कहते है ना की मर्द की कामियाबी के पीछऐ एक ओरत का हाथ होता है तो वो ओरत आपको नही अपने आप को बढा बनाती है वो आपको समझति है की परिवार की खुशी के लिये अपनी सारी की सारी चीजे दोस्त भाई रहिस्तेदार सबसे दूरिया हो जाती है लेकिन किसी की भी परवाह किये बिना दिन रात मर्द अपना कामं अपनी ईमान्दारी के साथ करता है ओर अपने भविष्या का सोचता है बदलाव ही प्रकर्ती का नियम जब तक सोच का दायरा नही बढांओगे तब तक ना आपका कुछ होगा ना आपके भविष्या का फिर कोई मोटीवेशनल स्पीच आपके काम की नही है दिन का चैन ओर रातो की निन्द खराब करनी पड़ती आगये बडने के लिये कामियाभी सोच से मेहनत ओर अपने लकशय पुरी ईमान्दारी के साथ चलना पड़ता अगर वो ये सब समझति है आपको आगये बडने से कोई नही रोक सकता # # #जय श्री माहाकाल # #