22/03/2024
आपका सबसे बड़ा निवेश शिक्षा में होता है
क्योंकी इसका रिटर्न आपको जिन्दगी भर मिलता रहता है...
our services :-
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Theme Mangal Caterer is top premium quality.
We aim to provide best traditional recipe over the generations. We are the Registered Caterer. We believe in consistent innovation to bring out high quality of mouthwatering flavors, our prime focus is to create an experience for our customers while enjoying our vast varieties of Sweets.
आपका सबसे बड़ा निवेश शिक्षा में होता है
क्योंकी इसका रिटर्न आपको जिन्दगी भर मिलता रहता है...
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🌻🌻🌼 🌞 🌼🌻🌻
*नव प्रभात लाया, दौर एक परिवर्तन का।*
*परिवर्तन रह ना जाये, मात्र यह तारीखों का।*
*सबल बने-संबल बने, सनातन संस्कृति हमारी।*
*हो सार्थक प्रयास, आचरण परिवर्तन का।*
💐💐🪷🪷💐💐
*नव वर्ष 2024 आपके जीवन को सफलता, सौभाग्य, समृद्धि से सिंचित कर खुशियां प्रदान करे व आपका स्नेह और सद्भावना यथावत प्राप्त होती रहें, यही कामना है।*
शुभकामनाओं सहित -
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
प्रिय उपस्थित सम्मानित साथी और नागरिक,
आज मैं इस व्याख्यान के माध्यम से भारत में कुपोषण को दूर करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करना चाहता हूँ। कुपोषण एक समस्या है जो हमारे देश के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित कर रही है।
पहले, हमें समझना होगा कि कुपोषण क्या है। कुपोषण व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से दोनों ही स्वास्थ्य और समृद्धि को प्रभावित करता है। यह एक बड़ी समस्या है और हम सभी को इसका समाधान ढूंढना होगा।
कुपोषण को दूर करने के लिए हमें कई कदम उठाने होंगे:
1. जागरूकता: हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि कुपोषण क्यों होता है और इसके कारण क्या हो सकता है। सामाजिक जागरूकता को बढ़ाना होगा ताकि लोग कुपोषण के खिलाफ सजग रहें।
2. स्वास्थ्य सेवाएँ: हमें स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचने वाले लोगों के लिए बेहतर बनाने का प्रयास करना होगा।
3. पोषण: सही पोषण के माध्यम से हम बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
4. आदर्श: हम समाज में उन्नत पोषण की बढ़ोतरी के आदर्श देने चाहिए।
5. सरकार का समर्थन: सरकार को भी कुपोषण को दूर करने के लिए उचित नीतियों और कार्रवाईयों का समर्थन करना होगा।
साथ ही, हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि हमारे खाने का स्वाद अच्छा हो, परंतु यह स्वस्थ भी होना चाहिए। हमें ताजे और स्वास्थ्यपूर्ण आहार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।
आखिर में, कुपोषण को दूर करने में हम सभी का साझा सहयोग और संवाद आवश्यक है। हम सभी को इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए एक साथ काम करना होगा।
धन्यवाद।
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हमारा तो हर दिवस ही हिंदी दिवस है.....
जय विज्ञान विजय विज्ञान
Traditional sweets delicious Ghevar
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आइए एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य की दिशा में काम करें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!
A delicious journey...
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एक सामान्य परिवार ने अपने बच्चों के लिये कक्षा "1" और कक्षा "6" की इन किताबों को पिछले साल मार्च में लगभग 8,000 रुपये में खरीदा था।
इस साल ये किताबें रद्दी हो गईं और "55" रुपये में बिकीं। बेचना पड़ा, क्योंकि ये अब किसी के काम की नही रह गयी थीं। हर साल यही होता है।
ये धंधा फल फूल रहा है।
हर साल किताबें बदलने की वजह से
1. अभिभावकों का नुकसान
2. देश को राजस्व का नुकसान (क्योंकि कोई स्कूल या दुकान इनकी पक्की (GST) रशिद नही देता और फूल MRP पर बेचता है)
3. पर सबसे बड़ा नुकसान प्रकृति का, जिसके बारे में हम शायद सोंचते भी नही हैं।क्योंकि हर साल लाखों या शायद करोड़ों पेड़ इनकी वजह से काटे जाते होंगे।
यदि ये किताबें किसी और बच्चे के काम आ जातीं, तो न जाने कितने पेड़ कटने से बच जाते।
क्या प्रकृति को नष्ट कर के हम बच्चों के बेहतर भविष्य की कल्पना कर सकते है 🙏
उस ने फेंका मुझ पे पत्थर
और मैं पानी की तरह
और ऊँचा और ऊँचा और ऊँचा हो गया ...
एक बड़ी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थीl लंच टाइम मे अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे।
एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसे वाले से मजाक के मूड मे आ गये।
मैनेजर साहब ने समोसेवाले से कहा, "यार गोपाल, तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से मेंटेन की है, लेकीन क्या तुम्हे नही लगता के तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो.?
सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी मे काम कर रहे होते तो आज कहा होते? हो सकता है शायद तुम भी आज मैंनेजर होते मेरी तरह।"
इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बडा सोचा, और बोला, " सर ये मेरा काम आपके काम से कही बेहतर हैl
10 साल पहले जब मै टोकरी मे समोसे बेचता था तभी आपकी जाॅब लगी थी, तब मै महीना 1000 रुपये कमाता था और आपकी पगार थी 10000 रुपये।
इन 10 सालो मे हम दोनो ने खूब मेहनत कीl
आप सुपरवाइजर से मॅनेजर बन गयेl
और मै टोकरी से इस प्रसिद्ध दुकान तक पहुँच गयाl
आज आप महीना के 50000 कमाते हैंl
और मै महीना 200000 कमाता हूँ l
लेकिन इस बात के लिए मै मेरे काम को आपके काम से बेहतर नही कह रहा हूँ।ये तो मै बच्चों के कारण कह रहा हूँ।
जरा सोचिए सर मैने तो बहुत कम कमाई पर धंधा शुरू किया था, मगर मेरे बेटे को यह सब नही झेलना पड़ेगा।
मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी, मैने जिंदगी मे जो मेहनत की है, वो उसका लाभ मेरे बच्चे उठाएंगे। जबकी आपकी जिंदगी भर की मेहनत का लाभ आपके मालिक के बच्चे उठाएंगे।
अब आपके बेटे को आप डाइरेक्टली अपनी पोस्ट पर तो नही बिठा सकते ना उसे भी आपकी ही तरह जीरो से शुरूआत करनी पड़ेगी और अपने कार्यकाल के अंत मे वही पहुँच जाएगा जहाँ अभी आप हो।
जबकी मेरा बेटा बिजनेस को यहा से और आगे ले जाएगाlऔर अपने कार्यकाल मे हम सबसे बहुत आगे निकल जाएगाl
अब आप ही बताइये किसका समय और टैलेंट बर्बाद हो रहा है ?"
मैनेजर साहब ने समोसेवाले को 2 समोसे के 20 रुपये दिये और बिना कुछ बोले वहाँ से खिसक लियेl
दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हैं लेकिन
परिवार के लिए पूरी दुनिया।
एक अक्षर गलत होने की वजह से एक किताब की 10 लाख कॉपियां
दो दिन में ही बिक गईं...!
दरअसल, ये गलती उस किताब के टाइटल में हो गई थी...
किताब का नाम था - 'एक आइडिया जो आपकी लाइफ बदल दे'
और गलती से हो गया - 'एक आइडिया जो आपकी वाइफ बदल दे...!'
हर कोई एक छोटे से काम से शुरुआत कीजिए। इसे घर में बच्चों से लेकर बड़े तक कोई भी आसानी से कर सकता है।
पानी की बोतल आसानी से कहीं भी मिल सकती है। हर घर में हर दिन कम से कम एक या एक से अधिक प्लास्टिक की थैलियाँ आती हैं, (जैसे तेल की थैली, दूध की थैली, किराने की थैली, शैम्पू, साबुन, मैगी, कुरकुरे आदि) वही थैलियां हमें रोज कूड़ेदान की जगह पानी की बोतल में डालनी हैं।
आप सप्ताह में एक बार बोतल को भर सकते हैं और उचित ढक्कन के साथ कूड़ेदान में फेंक दें। ऐसा करने से जानवर बिखरा हुआ प्लास्टिक नहीं खाएंगे।
प्लास्टिक कचरे और पानी की बोतलों का उचित निपटान होगा। कचरा विभाग को कूड़ा जमा करने में भी सुविधा होगी।
इतने छोटे से काम से पर्यावरण, धरती और आने वाली पीढ़ी को बहुत बड़ा फायदा होगा। जितना हो सके इस काम को 100% करने की कोशिश करें, जितने समय में हर कोई कर सकता है।
शहर से लेकर गांव तक हर घर में यह आंदोलन खड़ा होना समय की मांग है। विनम्र निवेदन है कि हर घर इस जरूरत को पहचानें और इस शुभ कार्य की शुरुआत करें। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*गुरुजी ने कहा कि मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो..*
*तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा.....*
*"पूरा पढ़ियेगा आपके दिल को छू जाएगा"* 🥰
आदरणीय गुरुजी जी...
माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी
छवि प्रदान करने के लिए था.
इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को
चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को
पकड़ने के काम भी आता था.
पल्लू की बात ही निराली थी.
पल्लू पर तो बहुत कुछ
लिखा जा सकता है.
पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी
इस्तेमाल किया जाता था.
माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
खाना खाने के बाद
पल्लू से मुँह साफ करने का
अपना ही आनंद होता था.
कभी आँख में दर्द होने पर ...
माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,
फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी,
दर्द उसी समय गायब हो जाता था.
माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए
उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.
जब भी कोई अंजान घर पर आता,
तो बच्चा उसको
माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.
जब भी बच्चे को किसी बात पर
शर्म आती, वो पल्लू से अपना
मुँह ढक कर छुप जाता था.
जब बच्चों को बाहर जाना होता,
तब 'माँ का पल्लू'
एक मार्गदर्शक का काम करता था.
जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू
थाम रखा होता, तो सारी कायनात
उसकी मुट्ठी में होती थी.
जब मौसम ठंडा होता था ...
माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर
ठंड से बचाने की कोशिश करती.
और, जब बारिश होती तो,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.
पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था.
माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.
पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले
मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को
लाने के लिए किया जाता था.
पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी
संकलित किया जाता था.
पल्लू घर में रखे समान से
धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.
कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर
निश्चिंत हो जाना , कि
जल्द मिल जाएगी.
पल्लू में गाँठ लगा कर माँ
एक चलता फिरता बैंक या
तिजोरी रखती थी, और अगर
सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.
*मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !*
*मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !*
स्नेह और संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ में आता है कि नहीं......
Dedicated to all mothers🙏
सादर साभार 🙏
कृपया ध्यान दें...
भोजन के प्रत्येक दाने का सम्मान किजिए
हम सबको ये संकल्प जरूर लेना चाहिए ...
ज्यादा चीनी वाले ड्रिंक की काली सच्चाई...
Happy Womens Day
ईश्वर की सबसे सुंदर रचना औरत के हर रूप को प्रणाम। सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
# ब्रेकिंग न्यूज
एक दो दिन बाद पूरा मीडिया एक ही खबर दिखायेगा:-
इंदौर में ५००किलो नकली मावा पकड़ा गया, मथुरा में २५००लीटर नकली दूध बरामद!
जोधपुर में नकली खोये की खेप पकड़ी गयी है, मध्य प्रदेश में मिठाई में मिलावट का कारोबार !
फिर मीडिया वाले बोलेंगे:- "हम लेते हैं बस २ मिनट का ब्रेक"
ब्रेक में क्या आएगा? 🤔
नया कैडबरी चोकलेट, इसे खाइये और त्यौहार की खुशी मनाइये। फिर आएगा इस फेस्टिवल में कुरकुरे या लैस पेप्सी कोक मैगी...
इस त्योहार अपनो को दीजिए कैडबरी लड्डू, त्यौहार के संग कुछ मीठा हो जाए।
सब के सब विदेशी कम्पनीयों के विज्ञापन क्यों ???
😳
फिर २ मिनट बाद.....
उदयपुर में अभी-अभी मिलावटी मिठाई बरामद हुई है और आरोपी को पकड़ लिया गया !
अपने प्यारे भारत देश की भोली जनता को ये बात बहुत जल्दी समझ में आती है कि दूध और खोया में मिलावट है...
लेकिन कैडबरी या अन्य उत्पाद में कितना केमिकल मिला है, कुरकुरे पेप्सी में कितना जहर है, ये समझ में नही आता।
😡
एक बात पक्की है कि कुछ विदेशी कंपनियाँ न्यूज़ चैनलों को पैसा देती हैं, मिठाईयों में मिलावट है का शोर मचाने के लिऐ। दीवाली से पहले यही सब दिखाएंगे न्यूज़ चैनल वाले और फिर बाद मे अगले त्यौहार तक शांती। जैसे मिलावटखोर एकदम से इमानदार हो गये हों...
😜
मेरा आप से अनुरोध है, अपने 'नगर कस्बे के पूराने मिठाई वालों' से ही त्योहारों पर मिठाई खरीदें। 🍱 जो अधिकतर शुद्ध और बिना मिलावट होती है, क्योंकी उनको भी अपनी दुकान की इज्जत की परवाह है और इन दोगली विदेशी कम्पनीयों से ज्यादा है |
🙏🏼
🥘🍲
एक कदम स्वदेशी.... 🇮🇳
एक दम स्वदेशी....
Wocal for Local
Shishir bhagat ji
Bye Pass Road Agra
Agra
282005
Monday | 11am - 9pm |
Tuesday | 11am - 9pm |
Wednesday | 11am - 9pm |
Thursday | 11am - 9pm |
Friday | 11am - 9pm |
Saturday | 11am - 9pm |
Sunday | 11am - 9pm |
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एक अक्षर गलत होने की वजह से एक किताब की 10 लाख कॉपियां दो दिन में ही बिक गईं...! . दरअसल, ये गलती उस किताब के टाइटल में हो गई थी... . किताब का नाम था - 'एक आइडिया जो आपकी लाइफ बदल दे' और गलती से हो गया - 'एक आइडिया जो आपकी वाइफ बदल दे...!'
Millets Millets Millets The food of the past, will be the food of the future. भारत समेत एशियाई और अफ्रीकी देशों में उपजाए जाने वाले छोटे, गोल और पूर्ण अनाज मिलेट कहलाते हैं. ये प्राचीन अनाज हैं. दूसरी फसलों के मुकाबले ये बहुत कम पानी में पैदा हो सकती हैं और कीटाणुरोधी होती हैं. अलग-अलग शोधों से पता चलता है कि मिलेट खाने से ब्लड में शुगर की मात्रा कम करने के साथ ही बेहद पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।