29/06/2023
एक समय था जब Mobile का जमाना नहीं था, तब अधिकांश गांव के लोग घोनसारी में जाते थे भुजा भुजवाने के लिए। छोटे छोटे बच्चे मम्मी या दादी के साथ चल पड़ते थे। दउरी में अनाज लेके घोनसारी में। शाम को आदमी कही भी बैठ के बाते करते हुए भुजा और नींबू वाला मरीचा खाते रहता था।
और
परदेश रहने वालों के लिए भी भुजा भेजा जाता था, कि जब कुछ बनाने का मन ना करे तो वो भुजा खा ले।