Ikebana by Usha Agarwal

Ikebana by Usha Agarwal Usha Agarwal has finished her Komon Degree from Japan and has been practicing flower arrangement sin
(3)

25/07/2023
13/07/2023

*अच्छा लगता था*😊👌👍

माँ के जाने के बाद मायका खतम हो जाता है , यह तो हमने बहुत सुना है , लेकिन सास के जाने के बाद ससुराल भी खतम हो जाता है यह कम ही सुनने को मिलता है!!
(किसी महिला की लिखी रचना है ) 🌹🙏🙏🙏🏻🙏🏻🌹
🌻ससुराल🌻
⛩️-----------⛩️
अक्सर कहा जाता है कि
मायका 💗
माँ के साथ ही,
खतम हो जाता है !
सच कहूं तो ,
ससुराल भी⛩️
सास के साथ ही
खतम हो जाता है !

रह जाती हैं बस यादें..

"उनकी वो त्योहारों पर कब क्या बनाना, क्या तैयारी करना, 1 दिन पहले से ही सभी को चेतावनी देना 😍

*अच्छा लगता था*😀👍

किस मौसम में कौन से अनाज भरना है 🌽,कौन से फल,🍊🍎🍌 आने वाले हैं कौन सी सब्जी 🫛🥒आने वाली है सभी पता रहता था!
मौसमी चीजे खाना चाहिए यह बताना उनका 😊

*अच्छा लगता था*..🤩👍

समाज का काम हो या मंदिर का उनका *मेहंदी लगा लेना,* अपने सभी गहने बहू को दे देना और यह पहन लो ,वो पहन लो उनका यह कहना....😊👌👍

*अच्छा लगता था*👌😊

व्रत उपवास मैं क्या खाना और क्या नहीं खाना चाहिए उनका यह बताना ...🍌🍊

*अच्छा लगता था*👍

उनकी उस *ख़ुश रहो*😊
वाले आशीष की,🙌
जो अपने गठजोड़ संग
उनके चरण स्पर्श👣🙌 करते ही मिलती थी तो बहुत👏

*अच्छा लगता था*👌😊🤩

उनकी उस दूरदृष्टि की जो,
मेरी अपूर्ण ख्वाहिशों के
मलाल को सांत्वना देते दिखतीं कि
'ग़म खाने से देर-सबेर सब मिल जाया करता है!'🕉️🙏

*अच्छा लगता है*😊

उनकी उस घबराहट की,
जो डिलीवरी के लिये अस्पताल
जाने के नाम से तैयार हो जाती कि🌹
पता नहीं क्यों जी घबड़ा रहा है!कहना....

*अच्छा लगता था*😊👍

उनके उस उलाहने की,
जो बच्चों संग सख्ती के दौरान सुनाया जाता,⚜️
*हमने भी तो बच्चो को पाला है*!कहना....

*अच्छा लगता था*😊😍

पहले तो कोई न कोई उनसे मिलने घर आया करते थे ,घर भरा रहता था ,उनका यू ओटले या दरवाजे पर बैठना !...

*अच्छा लगता था*🤩😃

अब तो मैं त्योंहारो पर
अक्सर मेहँदी लगाना भूल जाती हूँ,🌿😋
अब कोई नहीं जो याद दिलाये!
अब ....

"अच्छा *नही* लगता"😔😭

अब कोई त्यौहारों पर आता नही.....

अब रिश्तेदारों का आना भी बंद हो गया है.....
घर पर बड़े नही होते तो ....

"अच्छा *नही* लगता😔😭

सच ही है सास के बाद 💗
ससुराल भी ख़त्म हो जाता है..!
🙏😔😥
सच मुच यदि👆 यह कविता दिल को छूई हो तो शब्दों से या इमोजी से लाइक और फॉरवर्ड जरुर करना
*सास भी माँ ही है*🙏🙏🙏
*जिसके पास सास है वो किस्मत वाले है उनकी इज्जत कर लो, कभी हम भी सास बनेंगे, बाद में पछताना ना पड़ेगा* !...
*हम किस्मत वाले है हमारे पास सास है*😊👍👌

Icecream Museum  at Singapore
01/07/2023

Icecream Museum at Singapore

30/04/2023

*समयानुसार बदलता गया B F का मतलब*
एक नन्हें लड़के ने, नन्ही लड़की से कहा!
- I'm your BF! मैं तुम्हारा BF हूँ
-लड़की ने पूछा
- - What is BF ?
लड़का हंसा और बोला...
- यानी Best Friend. बेहद अच्छा दोस्त।
कुछ समय बीता, वह नौजवान हो गया, और लङकी बेहद सुंदर, उस ने लड़की से फिर कहा:
- I am your BF!!
-लड़की शर्माती सी उसके कंधे पर झुकी और आहिस्ता से पूछा, अब:
- - What is BF?
लड़का बोला:
- यानी पुरुष मित्र Boy Friend
कुछ वर्ष बीते उन्होंने शादी कर ली, उनको प्यारे प्यारे बच्चे हुए, पति मुस्कराया और अपनी पत्नी से बोला:
- I am your BF!
- पत्नी मुस्कराकर पति से बोली:
- - What is BF ?
अब BF यानी क्या
पति पुनः मुस्कराया और बच्चों की ओर निहारकर बोल पड़ा:
- आपके बच्चों का पिता Baby's father !
समय गुज़रे दोनों बुड्ढे हो गए, वो साथ बैठे, डूबते सूरज की ओर देख रहे थे, आंगन में , बुज़र्ग ने फिर दोहराया:
- मेरी प्रिय I am your BF!
- बुज़र्ग महिला हंस पड़ी, अपने झुर्रियों वाले चेहरे के साथ:
- - What is BF? अब BF यानी क्या?
बुड्ढा ख़ुशी से हँसा और रहस्यमयी आवाज़ में बोल पड़ा:
- Be Forever!
सदा एक दूजे के लिये।
जब बुजुर्ग जिंदगी की अंतिम सांसे ले रहा था , तब भी बोला:
- I am your BF.
- बुढ़िया गम से भरी बोली:
- - What is BF ??
आंखें बंद करते हुए बुजुर्ग बोला :
- यानी Bye Forever! अलविदा सदा के लिए
कुछ दिनों में बुजुर्ग महिला भी पंचतत्वों में विलीन हो गई, दीवार पर दोनों की साथ-साथ फोटो लगाई गई, और *बच्चों ने एक सुन्दर सी बात लिखवाई:*
*BF*
*Besides Forever !*
पास हूँ सदा के लिये !!
🙏

Lovely packing work and running stichWhere is your shop to buy kurtas
26/04/2023

Lovely packing work
and running stich
Where is your shop to buy kurtas

I’m continuing with the linen cover for this year’s stitch journal. Running stitch on linen I hardly ever do straight lines intentionally. I used masking tape to keep me on the straight and narrow.…

25/04/2023

*मुंशी प्रेमचंद जी की एक "सुंदर कविता", जिसके एक-एक शब्द को, बार-बार "पढ़ने" को "मन करता" है-_*

ख्वाहिश नहीं, मुझे
मशहूर होने की,"

_आप मुझे "पहचानते" हो,_
_बस इतना ही "काफी" है।_😇

_अच्छे ने अच्छा और_
_बुरे ने बुरा "जाना" मुझे,_

_जिसकी जितनी "जरूरत" थी_
_उसने उतना ही "पहचाना "मुझे!_

_जिन्दगी का "फलसफा" भी_
_कितना अजीब है,_

_"शामें "कटती नहीं और_
-"साल" गुजरते चले जा रहे हैं!_

_एक अजीब सी_
_'दौड़' है ये जिन्दगी,_

-"जीत" जाओ तो कई_
-अपने "पीछे छूट" जाते हैं और_

_हार जाओ तो,_
_अपने ही "पीछे छोड़ "जाते हैं!_😥

_बैठ जाता हूँ_
_मिट्टी पे अक्सर,_

_मुझे अपनी_
_"औकात" अच्छी लगती है।_

_मैंने समंदर से_
_"सीखा "है जीने का तरीका,_

_चुपचाप से "बहना "और_
_अपनी "मौज" में रहना।_

_ऐसा नहीं कि मुझमें_
_कोई "ऐब "नहीं है,_

_पर सच कहता हूँ_
_मुझमें कोई "फरेब" नहीं है।_

_जल जाते हैं मेरे "अंदाज" से_,
_मेरे "दुश्मन",_

-एक मुद्दत से मैंने_
_न तो "मोहब्बत बदली"_
_और न ही "दोस्त बदले "हैं।_

_एक "घड़ी" खरीदकर_,
_हाथ में क्या बाँध ली,_

_"वक्त" पीछे ही_
_पड़ गया मेरे!_😓

_सोचा था घर बनाकर_
_बैठूँगा "सुकून" से,_

-पर घर की जरूरतों ने_
_"मुसाफिर" बना डाला मुझे!_

_"सुकून" की बात मत कर-
-बचपन वाला, "इतवार" अब नहीं आता!_😓😥

_जीवन की "भागदौड़" में_
_क्यूँ वक्त के साथ, "रंगत "खो जाती है ?_

-हँसती-खेलती जिन्दगी भी_
_आम हो जाती है!_😢

_एक सबेरा था_
_जब "हँसकर "उठते थे हम,_😊

-और आज कई बार, बिना मुस्कुराए_
_ही "शाम" हो जाती है!_😓

_कितने "दूर" निकल गए_
_रिश्तों को निभाते-निभाते,_😘

_खुद को "खो" दिया हमने_
_अपनों को "पाते-पाते"।_😥

_लोग कहते हैं_
_हम "मुस्कुराते "बहुत हैं,_😊

_और हम थक गए_,
_"दर्द छुपाते-छुपाते"!😥😥

_खुश हूँ और सबको_
_"खुश "रखता हूँ,_

_ *"लापरवाह" हूँ ख़ुद के लिए_*
*-मगर सबकी "परवाह" करता हूँ।_😇🙏*

*_मालूम है_*
*कोई मोल नहीं है "मेरा" फिर भी_*

*कुछ "अनमोल" लोगों से_*
*-"रिश्ते" रखता हूँ।* ❤️

By

#वैदेही

09/02/2023

This poem is too beautiful so wanted to share!

A poem by Prof Lee Tzu Pheng (Singapore Cultural Medallion winner). She was formerly in the English Literature Dept in NUS. This is a powerful poem on human friendship, n loving one another.

Sip your Tea
Nice and Slow
No one Ever knows
when it’s Time to Go,
There’ll be no Time
to enjoy the Glow,
So sip your Tea
Nice and Slow.

Life is too Short but
feels pretty Long,
There’s too Much to do, so much going Wrong,
And Most of the Time You Struggle to be Strong,
Before it’s too Late
and it’s time to Go,
Sip your Tea
Nice and Slow.

Some Friends stay,
others Go away,
Loved ones are Cherished but not all will Stay.
Kids will Grow up
and Fly away.
There’s really no Saying how Things will Go,
So sip your Tea
Nice and Slow.

In the End it’s really
all about understanding Love
For this World
and in the Stars above,
Appreciate and Value who truly Cares,
Smile and Breathe
and let your Worries go,
So Just Sip your Tea
Nice and Slow."

When I'm dead.
Your tears will flow
But I won't know
Cry with me now instead.

You will send flowers,
But I won't see
Send them now instead

You'll say words of praise
But I won't hear.
Praise me now instead

You'll forget my faults,
But I won't know.....
Forget them now instead.

You'll miss me then,
But I won't feel.
Miss me now, instead.

You'll wish You could have spent more time with me,
Spend it now instead

When you hear I'm gone, you'll find your way to my house to pay condolence but we haven't even spoken in years.
Look for me now.

*"Spend time with every person around you, and help them with whatever you have to make them happy, your families, friends and acquaintances.*
*Make them feel Special because you never know when time will take them away from you forever.*

Alone I can 'Say' but together we can 'Talk'.
Alone I can 'Enjoy' but together we can 'Celebrate'
Alone I can 'Smile' but together we can 'Laugh'

That's the BEAUTY of Human Relations.
We are nothing without each other
So Stay Connected!

Excellent information about Bhagwan Shri Krishna1) Krishna was born *5252 years  ago* 2) Date of *Birth* : *18 th July,3...
19/01/2023

Excellent information about Bhagwan Shri Krishna

1) Krishna was born *5252 years ago*
2) Date of *Birth* : *18 th July,3228 B.C*
3) Month : *Shravan*
4) Day : *Ashtami*
5) Nakshatra : *Rohini*
6) Day : *Wednesday*
7) Time : *00:00 A.M.*
8) Shri Krishna *lived 125 years, 08 months & 07 days.*
9) Date of *Death* : *18th February 3102BC.*
10) When Krishna was *89 years old* ; the mega war *(Kurukshetra war)* took place.
11) He died *36 years after the Kurukshetra* war.
12) Kurukshetra War was *started on Mrigashira Shukla Ekadashi, BC 3139. i.e "8th December 3139BC" and ended on "25th December, 3139BC".*
12) There was a *Solar eclipse between "3p.m to 5p.m on 21st December, 3139BC" ; cause of Jayadrath's death.*
13) Bhishma died on *2nd February,(First Ekadasi of the Uttarayana), in 3138 B.C.*

14) Krishna is worshipped as:
(a)Krishna *Kanhaiyya* : *Mathura*
(b) *Jagannath*:- In *Odisha*
(c) *Vithoba*:- In *Maharashtra*
(d) *Srinath*: In *Rajasthan*
(e) *Dwarakadheesh*: In *Gujarat*
(f) *Ranchhod*: In *Gujarat*
(g) *Krishna* : *Udupi in Karnataka*
h) *Guruvayurappan in Kerala*

15) *Bilological Father*: *Vasudeva*
16) *Biological Mother*: *Devaki*
17) *Adopted Father*:- *Nanda*
18) *Adopted Mother*: *Yashoda*
19 *Elder Brother*: *Balaram*
20) *Sister*: *Subhadra*
21) *Birth Place*: *Mathura*
22) *Wives*: *Rukmini, Satyabhama, Jambavati, Kalindi, Mitravinda, Nagnajiti, Bhadra, Lakshmana*
23) Krishna is reported to have *Killed only 4 people* in his life time.
(i) *Chanoora* ; the Wrestler
(ii) *Kansa* ; his maternal uncle
(iii) & (iv) *Shishupaala and Dantavakra* ; his cousins.
24) Life was not fair to him at all. His *mother* was from *Ugra clan*, and *Father* from *Yadava clan,* inter-racial marriage.
25) He was *born dark skinned.* He was not named at all throughout his life. The whole village of Gokul started calling him the black one ; *Kanha*. He was ridiculed and teased for being black, short and adopted too. His childhood was wrought with life threatening situations.
26) *'Drought' and "threat of wild wolves" made them shift from 'Gokul' to 'Vrindavan' at the age 9.*
27) He stayed in Vrindavan *till 10 years and 8 months*. He killed his own uncle at the age of 10 years and 8 months at Mathura.He then released his biological mother and father.
28) He *never returned to Vrindavan ever again.*
29) He had to *migrate to Dwaraka from Mathura due to threat of a Sindhu King ; Kala Yaavana.*
30) He *defeated 'Jarasandha' with the help of 'Vainatheya' Tribes on Gomantaka hill (now Goa).*
31) He *rebuilt Dwaraka*.
32) He then *left to Sandipani's Ashram in Ujjain* to start his schooling at age 16~18.
33) He had to *fight the pirates from Afrika and rescue his teachers son ; Punardatta*; who *was kidnapped near Prabhasa* ; a sea port in Gujarat.
34) After his education, he came to know about his cousins fate of Vanvas. He came to their rescue in ''Wax house'' and later his cousins got married to *Draupadi.* His role was immense in this saga.
35) Then, he helped his cousins establish Indraprastha and their Kingdom.

36) He *saved Draupadi from embarrassment.*

37) He *stood by his cousins during their exile.*
38) He stood by them and *made them win the Kurushetra war.*

39) He *saw his cherished city, Dwaraka washed away.*
40) He was *killed by a hunter (Jara by name)* in nearby forest.
41) He never did any miracles. His life was not a successful one. There was not a single moment when he was at peace throughout his life. At every turn, he had challenges and even more bigger challenges.
42) He *faced everything and everyone with a sense of responsibility and yet remained unattached.*

43) He is the *only person, who knew the past and future ; yet he lived at that present moment always.*

44) He and his life is truly *an example for every human being.*🌷🙏🏻

17/01/2023

18 दिन के युद्ध ने,
द्रोपदी की उम्र को
80 वर्ष जैसा कर दिया था ...

शारीरिक रूप से भी
और मानसिक रूप से भी

शहर में चारों तरफ़
विधवाओं का बाहुल्य था..

पुरुष इक्का-दुक्का ही दिखाई पड़ता था

अनाथ बच्चे घूमते दिखाई पड़ते थे और उन सबकी वह महारानी
द्रौपदी हस्तिनापुर के महल में
निश्चेष्ट बैठी हुई शून्य को निहार रही थी ।

तभी,

श्रीकृष्ण
कक्ष में दाखिल होते हैं

द्रौपदी
कृष्ण को देखते ही
दौड़कर उनसे लिपट जाती है ...
कृष्ण उसके सिर को सहलाते रहते हैं और रोने देते हैं

थोड़ी देर में,
उसे खुद से अलग करके
समीप के पलंग पर बैठा देते हैं ।

द्रोपदी : यह क्या हो गया सखा ??

ऐसा तो मैंने नहीं सोचा था ।

कृष्ण : नियति बहुत क्रूर होती है पांचाली..
वह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती !

वह हमारे कर्मों को
परिणामों में बदल देती है..

तुम प्रतिशोध लेना चाहती थी और, तुम सफल हुई, द्रौपदी !

तुम्हारा प्रतिशोध पूरा हुआ... सिर्फ दुर्योधन और दुशासन ही नहीं,
सारे कौरव समाप्त हो गए

तुम्हें तो प्रसन्न होना चाहिए !

द्रोपदी: सखा,
तुम मेरे घावों को सहलाने आए हो या उन पर नमक छिड़कने के लिए ?

कृष्ण : नहीं द्रौपदी,
मैं तो तुम्हें वास्तविकता से अवगत कराने के लिए आया हूँ
हमारे कर्मों के परिणाम को
हम, दूर तक नहीं देख पाते हैं और जब वे समक्ष होते हैं..
तो, हमारे हाथ में कुछ नहीं रहता।

द्रोपदी : तो क्या,
इस युद्ध के लिए पूर्ण रूप से मैं ही उत्तरदायी हूँ कृष्ण ?

कृष्ण : नहीं, द्रौपदी
तुम स्वयं को इतना महत्वपूर्ण मत समझो...

लेकिन,

तुम अपने कर्मों में थोड़ी सी दूरदर्शिता रखती तो, स्वयं इतना कष्ट कभी नहीं पाती।

द्रोपदी : मैं क्या कर सकती थी कृष्ण ?

तुम बहुत कुछ कर सकती थी

कृष्ण:- जब तुम्हारा स्वयंवर हुआ...
तब तुम कर्ण को अपमानित नहीं करती और उसे प्रतियोगिता में भाग लेने का एक अवसर देती
तो, शायद परिणाम
कुछ और होते !

इसके बाद जब कुंती ने तुम्हें पाँच पतियों की पत्नी बनने का आदेश दिया...
तब तुम उसे स्वीकार नहीं करती तो भी, परिणाम कुछ और होते ।

और

उसके बाद
तुमने अपने महल में दुर्योधन को अपमानित किया...
कि अंधों के पुत्र अंधे होते हैं।

वह नहीं कहती तो, तुम्हारा चीर हरण नहीं होता...

तब भी शायद, परिस्थितियाँ कुछ और होती ।

"हमारे शब्द भी
हमारे कर्म होते हैं" द्रोपदी...

और, हमें

"अपने हर शब्द को बोलने से पहले तोलना
बहुत ज़रूरी होता है"...
अन्यथा,
उसके दुष्परिणाम सिर्फ़ स्वयं को ही नहीं... अपने पूरे परिवेश को दुखी करते रहते हैं ।

संसार में केवल मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है...
जिसका
"ज़हर"
उसके
"दाँतों" में नहीं,
"शब्दों " में है...

इसलिए शब्दों का प्रयोग सोच समझकर करें।

ऐसे शब्द का प्रयोग कीजिये जिससे, .
किसी की भावना को ठेस ना पहुँचे।

क्योंकि....... *महाभारत हमारे अंदर ही छिपा हुआ है ।*
🌹🙏🏻🙏🏻रामराम🙏🏻🙏🏻🌹

17/01/2023

*🌷युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज के श्रीमुख से🌷*
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
*********कल से आगे**********
हिरण्यकशिपु की मृत्यु के बाद प्रहलाद दैत्यों के राजा के रूप में सिंहासन पर आसीन हुए । यद्यपि उनका जन्म दैत्य कुल में हुआ था पर देवताओं के सारे सद्गुण , ऐश्वर्य आदि सब सिमटकर प्रहलादजी के पास आ गये थे । स्वर्ग में कुछ बचा ही नहीं था । इन्द्र ने भगवान् से कहा " महाराज ! यह क्या अनर्थ हुआ ? आपने हिरण्यकशिपु का वध तो कर दिया , पर स्वर्ग की सारी वस्तुएँ तो उसके पुत्र प्रह्लाद के पास ही रह गयीं । "
भगवान् ने कहा “ तो क्या तुम समझते हो कि हम प्रहलाद से लड़ेंगे और सब छीनकर तुम्हें दिला देंगे ? वस्तुतः प्रहलाद से लड़कर न तो तुम जीत सकते हो और न ही मैं जीत सकता हूँ । अतः तुम याचक ब्राह्मण बनकर उसके पास जाओ और जो वस्तुएँ तुम्हारे पास उनकी नहीं हैं, उनकी उनसे याचना करो । वे सब तुम्हें दे देंगे । "
इन्द्र ब्राह्मण का वेष बनाकर गये और कहने लगे कि " मैं आपसे कुछ माँगने आया हूँ । " प्रह्लादजी ने कहा " आप आज्ञा दीजिये । " इन्द्र सारे वैभव और समस्त सद्गुण उनसे माँग लिये प्रहलाद ने उन्हें सब प्रदान कर दिये । अन्त में इन्द्र ने कहा " आप अपना शील भी मुझे दे दीजिये । " प्रह्लाद ने कहा " बस यही वस्तु मैं आपको नहीं दे सकता । " इन्द्र ने कहा " आपने तो कहा था , जो मांगोगे वह सब दूंगा ! सब कुछ तो आपने दे दिया पर शील क्यों नहीं दे रहे हैं ? "
प्रहलाद ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया ।
प्रह्लाद ने कहा " मैं जानता हूँ कि आप ब्राह्मण भिक्षुक नहीं , इन्द्र हैं और इस वेष में आप स्वर्ग की अपनी सम्पदा व सद्गुण वापस पाने के लिये ही आये हुए हैं । यह जानने के बाद भी सब कुछ दे रहा हूँ , यह मेरा शील ही है । अब यदि मेरे पास शील नहीं रहेगा, तो आपको मारकर आपसे सब कुछ वापस छीन लूँगा । इसलिये आप और कुछ माँग लीजिये , पर शील मत माँगिये । " शील ही तो भक्तों का प्रमुख गुण है । भगवान् राम इसीलिये कहते हैं कि
*छठ दम सील विरति बहु कर्मा ।*
" मेरा भक्त इन्द्रियों को नियन्त्रित करनेवाला , शीलवान् तथा बहुत प्रकार के कर्म ( बन्धनों )से मुक्त होता है । "
" तो फिर क्या वह कोई कर्म नहीं करता ? "
" नहीं , नहीं , वह कर्म तो करता है पर
*निरत निरन्तर सज्जन धर्मा ।*
सन्तों ने जो धर्म बताये हैं उनके अनुरूप कर्म करता है । वह अपने समस्त कर्म ईश्वर को अर्पित कर अपने कर्म को धर्म के रूप में परिवर्तित कर देता है । " क्योंकि सन्तों के समस्त कर्म तो ईश्वर के लिये ही होते हैं । ' मानस ' में कहा गया है कि
*धर्म ते विरति जोग ते ग्याना ।*
इस प्रकार प्रभु की छठी भक्ति में ज्ञान , वैराग्य , धर्म आदि के सभी सूत्र विद्यमान हैं जो साधक के लिये अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं ।
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
🌼👏🌼जय सियाराम🌼👏🌼

Ikebana workshop organised by Ikebana International Mumbai chapter at Rajashrees farm.
17/01/2023

Ikebana workshop organised by Ikebana International Mumbai chapter at Rajashrees farm.

Happy Sankranti to everyone
16/01/2023

Happy Sankranti to everyone

I Ikebana work shop at Rajshree 's Farm
15/01/2023

I Ikebana work shop at Rajshree 's Farm

15/11/2022

*यह मंत्र जो हर हिंदू को सीखना चाहिए।

1. *श्री महादेव जी*
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!!

2. *श्री गणेश जी*

वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा!!

3. *श्री हरी विष्णु जी*

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

4. *श्री ब्रह्मा जी*

ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा नमस्ते परमात्ने।
निर्गुणाय नमस्तुभ्यं सदुयाय नमो नम:।।

5. *श्री कृष्ण जी*

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।।

6. *श्री राम जी*

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

7. *मां दुर्गा जी*

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते

8. *मां महालक्ष्मी जी*

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

9. *मां सरस्वती*

ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।

10. *मां महाकाली*

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं
क्रीं क्रीं फट !!

11. *श्री हनुमान जी*

मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

12. *श्री शनिदेव जी*

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

13. *श्री कार्तिकेय*

ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते

14. *काल भैरव*

ॐ ह्रीं वां बटुकाये क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये कुरु कुरु बटुकाये ह्रीं बटुकाये स्वाहा

15. *गायत्री मंत्र*

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ 🚩🙏🚩🙏🚩🙏सनातन धर्म ही सत्य है

18/08/2022

75th Independence day

09/07/2022
07/07/2022

Hello everyone
Ikebana classes - Basic to Master Course offered by Usha Agarwal.
Ikebana is the Japanese art of flower arrangement. The four principles of ikebana are a fresh approach, movement, balance and harmony. The three elements are line, color and mass. Come cultivate an eye for appreciation and a hand for creation.

About Usha Agarwal: Usha has received her Komon Degree from Japan and has been practicing flower arrangement since the last 25 years. She has showcased her arrangements both in India and internationally over the years. Usha offers the classes in Cuffe Parade, Mumbai and can be contacted at +91 99200 84446 for further inquiry.

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Iris Building, 12th Floor, Flat No. 48 Cuffe Parade
Mumbai
400005

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