Yadav Bhawan

Yadav Bhawan Yadav Bhawan accommodation ac rooms, DorMitory, banquet hall and Sri Radha Krishna Temple
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यादव सभा चण्डीगढ-पचकूला के वरिष्ठ सदस्यों एवं सभा संचालन समिति के पदाधिकारियों के द्वारा आज यादव भवन सेक्टर 12, पचकूला म...
23/09/2023

यादव सभा चण्डीगढ-पचकूला के वरिष्ठ सदस्यों एवं सभा संचालन समिति के पदाधिकारियों के द्वारा आज यादव भवन सेक्टर 12, पचकूला में शहीद शिरोमणी राव तुलाराम जी की स्मृति में हवन-पूजन का आयोजन किया गया तथा इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने स्वतंत्रता सेनानी राव तुला राम जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

BLS YADAV Sukhvir Singh Yadav

यादव भवन में आज भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया
06/09/2023

यादव भवन में आज भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया

यादव भवन पंचकुला में आयोजित रेजांगला शौर्य दिवस पर रक्तदान शिविर एवं रेजांगला की शौर्य भूमि से लाई गई रज कलश को नमन किया...
18/11/2022

यादव भवन पंचकुला में आयोजित रेजांगला शौर्य दिवस पर रक्तदान शिविर एवं रेजांगला की शौर्य भूमि से लाई गई रज कलश को नमन किया गया।

18/11/2022
आज यादव भवन पंचकुला मे राजा   जी के शहीदी दिवस पर हवन एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई। कौन थे राजा राव तुला राम जी कृप्या नि...
23/09/2022

आज यादव भवन पंचकुला मे राजा जी के शहीदी दिवस पर हवन एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई।

कौन थे राजा राव तुला राम जी कृप्या निचे पढ़े।

राव तुला राम जी का जन्म 9 दिसंबर 1825 के दिन रेवाड़ी में हुआ था। यदुवंशी समाज के इस क्षत्रप ने अमर बलिदानी मंगल पांडेय द्वारा 1857 के स्वतंत्रतता संग्राम का बिगुल बजाने के बाद 17 मई 1857 को अंग्रेजी प्रशासन द्वारा नियुक्त तहसीलदार को हटाकर रेवाड़ी को अंग्रेज़ी शासन से मुक्ति दिलाई थी। अपने चचेरे भाई राव गोपाल देव के साथ मिलकर राव तुला राम ने न केवल दक्षिण हरियाणा से अंग्रेजों के शासन की समाप्ति की थी, बल्कि अपने इलाके से आगे बढ़कर उन शक्तियों की मदद भी की जो अंग्रेजों के विरुद्ध दिल्ली में ऐतिहासिक लड़ाई लड़ रही थी। राव तुला राम ने तत्कालीन बादशाह बहादुर शाह जफर की सेना को न केवल धन और सैन्य शक्ति से मदद की थी, बल्कि भारी मात्रा में सेना के लिए रसद सामग्री भी भेजी थी।

राव तुला राम की सेना ने उनके चचेरे भाई राव किरशन सिंह की अगुवाई में 16 नवंबर 1857 के दिन अंग्रेजी फौज के विरुद्ध नारनौल के पास नसीबपुर में भीषण युद्ध किया। राव तुला राम की सेना का पहला आक्रमण इतना तीखा था कि अंग्रेजों को मुँह की खानी पड़ी। कई अंग्रेज अफसर मारे गए और कई घायल हुए। अंग्रेजी फौज ने दूसरी बार आक्रमण किया और उसमें अंग्रेज़ों की विजय हुई। उनके सहयोगी और सेनापति बलिदान हो गए। इसके बाद राव तुला राम अपनी बची-खुची सेना के साथ राजस्थान की ओर चले गए और वहाँ लगभग एक वर्ष तक तात्या टोपे की सेना के साथ मिलकर अंग्रेज़ों के विरुद्ध युद्ध किया। सीकर की लड़ाई में राव तुला राम और तात्या टोपे की सेना की पराजित हुई और इसके पश्चात राव तुला राम ने भारत छोड़ दिया।

भारत से बाहर जाकर राव तुला राम ने ईरान के शाह, अफगानिस्तान के तत्कालीन शासक दोस्त मोहम्मद खान और रूस के राजा एलेक्सेंडर द्वितीय से मदद माँगी ताकि अंग्रेजी शासन से भारतवर्ष को मुक्त कराया जा सके। स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई में अंग्रेजों के विरुद्ध खड़े होने के कारण अंग्रेजी शासकों ने 1859 में राव तुला राम की संपत्ति को जब्त कर लिया था। बाद में उनकी सम्पत्तियों को उनके पुत्र राव युधिष्ठिर सिंह को 1877 में सुपुर्द कर दिया गया। 23 सितंबर 1863 में राव तुला राम की काबुल में 38 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।

Yadav Sabha Chandigarh/Panchkula will celebrate JANMASHTAMI UTSAV in Yadav Bhavan sector 12 Panchkula from 7:00 p.m. onw...
17/08/2022

Yadav Sabha Chandigarh/Panchkula will celebrate JANMASHTAMI UTSAV in Yadav Bhavan sector 12 Panchkula from 7:00 p.m. onwards on 18th August 2022.
All the members and their family and friends are cordially invited to grace the occasion.
A culture program will be presented by school children followed by kirtan and distribution of Prasad.

Address

Sector 12
Panchkula
134109

Telephone

01722576670

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