16/04/2022
*काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि विचारो,*
*कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसो नहिं जात है टारो।*
*बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो,*
*को नहिं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो॥*
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।।जय वीर हनुमान जी।।
।।जय आदिदेव।।